Posts

How to eat food through meditate state ??

Image
 Whenever you have food, take special care of one thing that during that time neither you have to run mobile, nor have to talk to anyone, I mean to say that our focus should be on food. It is not to be done that you are eating bread on one side, driving a mobile phone on the other side, talking to someone on one side, or sitting down watching TV while having meals.  Do not do this at all, I always see that as soon as people start eating food, they will either be talking to someone at the same time, or will be busy running mobile, this is exactly the habit of our elder brother. When we would sit down to eat, we would play video of Kapil Sharma on one side and eat on the other side,  we told him many times that at least the food should be done peacefully and carefully, but if he got our point wrong, he would fight us As he started talking about what he meant to you, his ego got hurt that our younger brother is explaining to us, although it always happens that those who are older than us

ध्यान पूर्व भोजन कैसे करें ...

Image
 आप जब भी भोजन करें तो एक बात का विशेष ख्याल रखें कि उस दौरान ना ही आपको मोबाइल चलाना है, न ही किसी से बातचीत करना है, मेरा कहने का मतलब है  हमारा पूरा  ध्यान भोजन करने पर होना चाहिए।  ऐसा नहीं करना हैं  कि आप एक तरफ रोटी खा रहे हैं, दूसरी तरफ मोबाइल चला रहे हैं, एक तरफ किसी से बातें कर रहे हैं, या भोजन करते समय टीवी देखने बैठ गए हैं। ऐसा बिल्कुल न करें, ऐसा मैं हमेशा देखता हूँ कि लोग जैसे ही भोजन करना शुरू करेंगे उसी समय या तो किसी से बात कर रहे होंगे, या फिर मोबाइल चलाने में व्यस्त रहेंगे,   हमारे बड़े भाई की बिल्कुल यही आदत हैं। जब भोजन करने बैठेंगे तो एक तरफ कपिल शर्मा की वीडियो चला लेंगे और दूसरी तरफ भोजन करेंगे, हमनें उन्हें कई बार बोला कि कम से कम भोजन तो शांति से और पूरे ध्यान पूर्वक किया करो, लेकिन उन्हें हमारी बात गलत लगी, तो वो हमसे लड़ने जैसी बात करने लगे कि तुम्हें क्या मतलब, उनके अहंकार को चोट लग गई कि हमारा छोटा भाई हमें समझा रहा हैं, हालांकि ऐसा हमेशा होता हैं, कि जो हमसे बड़े होते हैं वो अपने से छोटों की बात समझने को कभी तैयार नहीं होते, लेकिन ऐसा कभी छोटों के साथ नहीं हो

Work For Birds and Animals

Image
हर साल निर्जलीकरण के दुष्प्रभावों के कारण बड़ी संख्या में पक्षी और आवारा जानवर मर जाते हैं। यह मुख्य रूप से तथाकथित विकास और सौंदर्यीकरण ड्राइव का परिणाम है, जो पानी के प्राकृतिक स्रोतों को सुखा रहे हैं।  हम में से हर कोई दया की एक सरल क्रिया द्वारा इस दुखद स्थिति में एक नाटकीय बदलाव कर सकता है - पानी के कटोरे रखकर।  इसलिए मैं चाहता हूँ हम सभी अपनी छत पर, एक खिड़की में, बालकनी में, सड़क पर, एक पार्क में - कहीं भी पानी के कटोरे रखें। इस उद्देश्य के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करना बेहतर होगा। वे झुकाव नहीं करते हैं और चोरी होने की संभावना कम होती है। जैसे ही आप कटोरे में पानी और कुछ अन्न के दाने डालना शुरू करेंगे जल्द ही आपके पानी के कटोरे कई प्यासे गायों, कुत्तों और बिल्लियों, विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों, गिलहरियों, गिरगिटों, मधु मक्खियों, ततैया और टिड्डों को आकर्षित करेंगे। तब आपको महसूस होगा कि आपकी ओर से एक छोटा सा प्रयास सैकड़ों निर्दोष जीवों की जान बचा रहा है।      यह बहुत सरल है। यह कितना संतोषजनक है।      इसे आज करो।          Every year a large number of birds and stray an

जीवन के सम्बंध मैं आपसे तीन सूत्र कहता हूँ अगर आपने इन्हें जान लिया समझों जीवन के परम सत्य को अंगीकार करलिया ...

अगर यह तीन सूत्र पूरे हो जाएं  ज्ञान छोड़ देना मन के किनारे  चुपचाप बैठना  और जीवन के प्रत्येक पल में कभी-कभी जाकर देखना कि मैं  कौन हूं मैं कहां हूं अगर कोई यह तीन सूत्र पूरे करें तो अचानक भीतर की दुनिया में  प्रवेश हो जाता है जहां हम कभी नहीं गए वहां हम पहुंच जाते हैं और एक बार वहां पहुंच जाएं  फिर कोई कठिनाई नहीं है  फिर तो क्षणभर में कभी भीतर कभी बाहर  हो सकते हैं और जो मनुष्य भीतर जाने का रहष्य  जान जाता हैं वो जीवन के सारे रहस्यों का मालिक हो जाता है  दुख उसके लिए अर्थहीन हो जाते हैं  मृत्यु उसके लिए असत्य हो जाती हैं और आनंद उसकी स्वास स्वास बन जाती है अमृत उसके कण-कण में छा जाता है  ऐसे हुए बिना जीवन व्यर्थ है अगर हम ऐसे नहीं हो पाए और हम प्रतीक्षा करते रहे  कि कोई हमें दे जाएगा  तो नहीं होगा हमें खुद  कुछ करना पड़ेगा  और यह तीन बातें मैंने  कहीं  इन पर थोड़ा प्रयोग करें मेरी इन बातों को पढ़ने से नहीं इनपर  प्रयोग करने से कुछ होगा  और कुछ होगा  तो जो कुछ मैं कह रहा हूं वो समझ में आएगा  नहीं तो वह भी ठीक से समझ में नहीं आ सकता है कि मैं आपसे क्या कह रहा हूँ  एक बहुत दूसरी दुनिय

विद्यालय में जो शिक्षा दी जा रही है वो लोगों को पड़ा लिखा गमार बना रही हैं...

Image
Photo by Max Fischer  शिक्षित और पड़े लिखे लोगों को देखकर मुझें शिक्षा से नफरत होती जा रही है की कम से कम जो व्यक्ति शिक्षित नहीं होता तो वो ह्रदय से निर्मल तो होता है निरहंकारी तो होता है उसमें अकड़ तो नहीं होती अपने से बड़ो के प्रति सम्मान का भाव तो रखता है तो  क्या इतना ही काफी नहीं हैं लेकिन जब मैं किसी शिक्षित व्यक्ति को देखता हूँ पड़े लिखें व्यक्ति को देखता हूँ तो वो  दो कौड़ी की कुछ  दस बारह मैं 90 , 95 प्रतिशत बना लेने या कुछ डिग्रीयों को प्राप्त करलेने से या कुछ दो चार प्रमाण पत्र हांसिल करलेने से वो सोचता है कि मैं शिक्षित हो गया पड़ लिख गया लेकिन होता इसका विपरीत है  जो व्यक्ति जितना अधिक पढ़ लिख जाता है वो उतना ही अहंकार और अपूर्व अकड़ से भरता चला जाता क्योंकि जो शिक्षा हमें दी जा रही है वो शिवाय महत्वकांशी बनाने एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करना एक दूसरे को दबाकर आंगे बढ़ने के अलाबा और कुछ भी नहीं सिखा रही है  क्योंकि पिछले तीन वर्षों में जबसे में घर आया हूँ तबसे मैने भी बहुत कुछ इसतरह की झलक देखी है लेकिन आज मैं बेसा बिल्कुल भी नहीं रहा जैसा विद्यालय से निकलते समय था क्योंकि जो

शांति से भोजन करना सीखें ...

Image
आपलोगों ने ख्याल किया हमलोग पैसा किसलिए कमाते हैं क्यों धन दोलत इकट्ठी करते हैं इसलिए करते है कि हमारे जीवन की ज़रूरते पूरी हो सके और दो वक्त का  ठीक से भोजन मिल सके लेकिन मैने कई लोगों को देखा है कि लोग भोजन भी आराम से नहीं करते  एक हाथ से भोजन करते जा रहे है और दूसरे से मोबाइल चलाते जा रहे है एक तरफ़ तो भोजन कर रहे है और दूसरी तरफ़ दूसरों से बातचीत कर रहे है भोजन पर तो उसका कोई ध्यान ही नहीं है भोजन के स्वाद का तो उसे कोई ख्याल ही नहीं बल्कि उसका भोजन पे ध्यान न होकर  और दूसरे कामों पर ध्यान है मुझें आश्चर्य होता है कि लोग कुछ समय पूर्णतः भोजन के साथ नहीं हो पाते दिन भर में हम भोजन करते ही कितनी बार है ज़्यादा से ज़्यादा दो से तीन बार और उसी समय में साथ में अन्य काम करते रहते है जिसके लिए इतनी महनत कर रहे हो अपना खून पसीना एक कर रहे हो अगर वही आराम से नहीं कर सकते तो क्या अर्थ है कुछ भी करने का कुछ तो इतनी तीव्र गति से भोजन करेंगे जैसे उनकी कोई ट्रैन छूटी जा रही है और अगर छूटती भी हो तो छूट जाने दो लेकिन भोजन को जल्दी बाजी में करने का क्या मतलब है और जब मैं कहता हूँ कि भोजन करने

आज और अभी से न हम किसी के और न कोई मेरा :)

आज मैं एक बात पर विचार कर रहा था कि अगर आज मैं मर गया या अचानक से मेरी मृत्यु हो गई तो मेरे जीवन के आखिरी समय में मेरे साथ मेरे म्रत्यु के क्षण में कौन हमारे साथ जाएगा? और यही बात आज मैंने अपनी मांजी से भी पूँछी की मांजी अगर आज मेरी म्रत्यु हो गई तो हमारे साथ आपलोग जाओगे  ? तो पहले उन्होंने कहा कि बेटा ऐसी बातें नहीं करते लेक़िन मैने कहा आप एक बार बताओ तो तो उन्होंने कहा कि बेटा कोई किसे के साथ नहीं जाता सभी को अकेले ही जाना पड़ता हैं तो मैंने विचार किया हैं जब हमें जाना ही अकेले हैं मरना ही अकेले है तो फिर इस दुनिया में सिवाय परमात्मा के मेरा  कौन हुआ? तो फिर क्या अर्थ हुआ कि मेरा कौन मित्र हैं? कौन माता पिता हैं? कौन मेरे सगे संबंधी हैं कौन मेरे रिश्तेदार हैं? फिर तो ये सभी दिखाबे के लोग हुए इनका  सिर्फ कहने का ही हैं कि मैं तुम्हारे लिए हूँ तुमसे प्रेम करता हूँ की मैं तुम्हारा मित्र हूँ तुम्हारा पिता हूँ तुम्हारी माँ हूँ कि मैं तुम्हारे बगैरह जी नहीं सकता ? ऐसे झूठे और दिखाबे के लोगों को अपने जीवन से जोड़कर क्या करूंगा जिनका कोई अर्थ ही  नहीं बनता इसलिए ये बात मेरे लिए क