जीवन के सम्बंध मैं आपसे तीन सूत्र कहता हूँ अगर आपने इन्हें जान लिया समझों जीवन के परम सत्य को अंगीकार करलिया ...

अगर यह तीन सूत्र पूरे हो जाएं  ज्ञान छोड़ देना मन के किनारे  चुपचाप बैठना  और जीवन के प्रत्येक पल में कभी-कभी जाकर देखना कि मैं  कौन हूं मैं कहां हूं अगर कोई यह तीन सूत्र पूरे करें तो अचानक भीतर की दुनिया में  प्रवेश हो जाता है जहां हम कभी नहीं गए वहां हम पहुंच जाते हैं और एक बार वहां पहुंच जाएं  फिर कोई कठिनाई नहीं है  फिर तो क्षणभर में कभी भीतर कभी बाहर  हो सकते हैं और जो मनुष्य भीतर जाने का रहष्य  जान जाता हैं वो जीवन के सारे रहस्यों का मालिक हो जाता है  दुख उसके लिए अर्थहीन हो जाते हैं  मृत्यु उसके लिए असत्य हो जाती हैं और आनंद उसकी स्वास स्वास बन जाती है अमृत उसके कण-कण में छा जाता है  ऐसे हुए बिना जीवन व्यर्थ है अगर हम ऐसे नहीं हो पाए और हम प्रतीक्षा करते रहे  कि कोई हमें दे जाएगा  तो नहीं होगा हमें खुद  कुछ करना पड़ेगा  और यह तीन बातें मैंने  कहीं  इन पर थोड़ा प्रयोग करें मेरी इन बातों को पढ़ने से नहीं इनपर  प्रयोग करने से कुछ होगा  और कुछ होगा  तो जो कुछ मैं कह रहा हूं वो समझ में आएगा  नहीं तो वह भी ठीक से समझ में नहीं आ सकता है कि मैं आपसे क्या कह रहा हूँ  एक बहुत दूसरी दुनिया की बात कह रहा हूं  जहां हम सब जा सकते हैं लेकिन जाते नहीं है एक और ही लोक की ख़बर दे रहा हूँ  जहां हम बिल्कुल किनारे खड़े हैं झांके और वो हमें मिल जाए लेकिन नहीं झांकेंगे तो वो हमें नहीं मिल सकता हैं
मैं स्वयं इन तीन सूत्रों में संलग्न हूँ अगर आप  भी चाहें तो आप भी इन तीन सूत्रों के सहारे खुद को जानने में संलग्न हो सकते हैं

ॐ तत्सत...

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