शांति से भोजन करना सीखें ...
आपलोगों ने ख्याल किया हमलोग पैसा किसलिए कमाते हैं क्यों धन दोलत इकट्ठी करते हैं इसलिए करते है कि हमारे जीवन की ज़रूरते पूरी हो सके और दो वक्त का ठीक से भोजन मिल सके लेकिन मैने कई लोगों को देखा है कि लोग भोजन भी आराम से नहीं करते
एक हाथ से भोजन करते जा रहे है और दूसरे से मोबाइल चलाते जा रहे है एक तरफ़ तो भोजन कर रहे है और दूसरी तरफ़ दूसरों से बातचीत कर रहे है भोजन पर तो उसका कोई ध्यान ही नहीं है भोजन के स्वाद का तो उसे कोई ख्याल ही नहीं बल्कि उसका भोजन पे ध्यान न होकर
और दूसरे कामों पर ध्यान है मुझें आश्चर्य होता है कि लोग कुछ समय पूर्णतः भोजन के साथ नहीं हो पाते दिन भर में हम भोजन करते ही कितनी बार है ज़्यादा से ज़्यादा दो से तीन बार और उसी समय में साथ में अन्य काम करते रहते है जिसके लिए इतनी महनत कर रहे हो
अपना खून पसीना एक कर रहे हो अगर वही आराम से नहीं कर सकते तो क्या अर्थ है कुछ भी करने का कुछ तो इतनी तीव्र गति से भोजन करेंगे जैसे उनकी कोई ट्रैन छूटी जा रही है और अगर छूटती भी हो तो छूट जाने दो लेकिन भोजन को जल्दी बाजी में करने का क्या मतलब है
और जब मैं कहता हूँ कि भोजन करने से पहले आप भोजन बनाने वाले को धन्यवाद दे और भोजन को धन्यवाद दे और कहें कि प्रभु धन्यबाद आपका मुझें भोजन देने के लिए तो जब आप भोजन भी बिना कुछ किये बिना किसी से बात किये बिना मोबाइल चलाये भोजन नहीं कर पा रहे है
तो फिर आपके अंतर्तम में भोजन के प्रति धन्यवाद का भाव कैसे उठ सकेगा क्योंकि आप व्यस्त ही इतने हो गए है कि आपकी व्यस्तता भोजन करते वक्त भी समाप्त नहीं होती तो फिर धन्यवाद का भाव उठने का तो कोई सबाल ही पैदा नहीं होता लेकिन फिर भी मैं आपसे कहता हूँ
जब आप भोजन करें तो अपने सभी कामो को दूर करदे और पूरा ध्यान भोजन पर केंद्रित करें मोबाइल बिल्कुल भी उपयोग नहीं करना है अगर किसी का बीच में फ़ोन भी आता हो तो आने दो आपका ध्यान सिर्फ भोजन करने पर होना चाहिए
और भोजन करते वक्त पूर्णतः भोजन के एक एक निबाले पर ध्यान केंद्रित करें धीरे धीरे खाएं और पूर्णतः स्वाद का अनुभव करें तब आपको सही अर्थों में भोजन के रस का महत्व होगा और उस दिन आप भोजन के स्वाद को अच्छे से अनुभव कर सकेंगे
इसलिए तो कहते है अगर हमारे पास ठीक ठीक देखने की नजर है तो हम जहर को भी अमृत में परिवर्तित कर सकते है बेस्वाद भोजन को भी रसपूर्ण बना सकते है और अगर देखने की नजर नहीं है तो अमृत भी जहर का रूप ले लेता है स्वादिष्ट से स्वादिष्ट भोजन भी बेस्वाद मालूम पढ़ने लगता है ...
Saket ❤️
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