कुछ अहसास

प्रिय, हमारे होने से अगर तुम्हें प्रेम की सुगंध दिखाई ना पड़े, प्रेम का अहसास दिखाई ना पड़े, तो समझना मैंने कभी तुमसे प्रेम किया ही नहीं, क्योंकि मैं शब्दों के सहारे दुनिया को तो समझाने में समर्थ हूं, लेकिन तुम्हें नहीं, इसलिए मैं तुमसे जब भी मिलूंगा मौन होकर मिलूंगा शांत होकर मिलूंगा, क्योंकि मैंने बोलने का कार्य सदा से तुम पर छोड़ रखा है ...

-💕-

Comments

Popular posts from this blog

ध्यान पूर्व भोजन कैसे करें ...

What is Bharat mata ki jai ???

Dowry system in India भारत में दहेजप्रथा