हमेशा अपने जीवन में निश्वार्थ और निष्पक्ष भाव से सही का चुनाव कीजिए ,और सही का साथ दीजिए !!
आप लोगों ने कभी ख्याल किया है अगर कभी आस पड़ोस में हमारे माता-पिता का किसी से लड़ाई झगड़ा हो जाता है, तो उनका बच्चा जो की शिक्षित है वह बिल्कुल भी नहीं देखता कि आखिर कौन सही है और कौन गलत, वह सिर्फ यह देखता है कि सामने वाला व्यक्ति मेरे बाप से लड़ रहा है, मेरी मां से लड़ रहा है,
तो वो बच्चा अपने माँ बाप का पक्ष लेने लगता हैं उसे इससे कोई मतलब नहीं कि आखिर सही और गलत कौन हैं हालांकि मेरी समझ कहती हैं कि एक शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली प्राथमिकता यह होना चाहिए कि पहले वो पता करें कि आखिर दोनों में सही या गलत कौन है
कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारे माँ बाप ही गलत हो अगर सही अर्थों में बच्चा शिक्षित और समझदार होगा तो जो व्यक्ति सही हैं उसका साथ देगा न कि गलत का वह निष्पक्ष और निस्वार्थ भाव से निर्णय लेगा फिर चाहे उसके माता पिता ही क्यों न हों !!
तो वो बच्चा अपने माँ बाप का पक्ष लेने लगता हैं उसे इससे कोई मतलब नहीं कि आखिर सही और गलत कौन हैं हालांकि मेरी समझ कहती हैं कि एक शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली प्राथमिकता यह होना चाहिए कि पहले वो पता करें कि आखिर दोनों में सही या गलत कौन है
कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारे माँ बाप ही गलत हो अगर सही अर्थों में बच्चा शिक्षित और समझदार होगा तो जो व्यक्ति सही हैं उसका साथ देगा न कि गलत का वह निष्पक्ष और निस्वार्थ भाव से निर्णय लेगा फिर चाहे उसके माता पिता ही क्यों न हों !!
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